देहरादून। प्रदेश में जिसकी भी सरकार रही हो, वो हमेशा खुद को आम आदमी की हितैषी बताता है। लेकिन आम आदमी तो छोड़िये यहां कुष्ठ रोगियों तक की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि 2015 से कुष्ठ रोगियों के भोजन के बिलों का भुगतान तक नहीं हुआ है। अब यह धनराशि बढ़कर 12 लाख रुपये तक पहुंच गई है।
राजधानी देहरादून में एमएलएच के अधीन कुष्ठ रोगियों के भोजन बिलों का भुगतान जिला अस्पताल की दरों के अनुसार करने का प्रावधान है। लेकिन इन रोगियों के भोजन के बिलों के भुगतान को लेकर जिम्मेदार अधिकारी नजरें फेरे हुए हैं। आलम यह है कि पिछले नौ वर्षों से एक भी बिल की धनराशि का भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते यह बढ़कर अब 12 लाख रुपये तक पहुंच गया है। यह दिखाता है कि स्वास्थ्य विभाग और जिला स्तर के विभागीय अधिकारी गहरी नींद में हैं।
सीएमओ कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में अनुदान संख्या 12 के तहत केवल यात्रा, पारिश्रमिक और औषधि व रसायन मदों में ही बजट आवंटित किया गया है। यात्रा मद में 9500, पारिश्रमिक मद में दो लाख और औषधि व रसायन मद में एक लाख लाख रुपये का बजट दिया गया। अब सीएमओ कार्यालय ने भोजन मद में 12 लाख रुपये समेत कुल 27 लाख, 54 हजार, 439 रुपये के बजट की मांग की है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग भोजन मद में बजट आवंटित कर कुष्ठ रोगियों के भोजन बिलों का भुगतान करने में रूचि दिखाता है या फिर पिछले कई वर्षों की तरह उन्हें उनके हाल पर छोड़ देता है।