नई दिल्ली। महाराष्ट्र और झारखंड में हुए विधानसभा चुनावों में वोटरों ने अपनी-अपनी राज्य की मौजूदा सरकारों पर ही भरोसा जताया है। महाराष्ट्र में जहां एनडीए (महायुति) बंपर बहुमत के साथ दोबारा सरकार बना रहा है, वहीं झारखंड में इंडी गठबंधन ने भी स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। कई अन्य सीटों पर हुए उपचुनावों में एनडीए गठबंधन बढ़त बनाने में कामयाब रहा है।
महाराष्ट्र में महायुति को प्रचंड बहुमत
महाराष्ट्र में एनडीए (महायुति) ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। गठबंधन ने कुल 288 सीटों में से 233 पर जीत हासिल की है। 2019 के मुकाबले उन्होंने कुल 72 सीटें ज्यादा जीतने में हासिल की है। महायुति में भाजपा ने 133, शिवसेना (शिंदे) ने 57, एनसीपी (अजीत पंवार) ने 41 और अन्य ने दो सीटों पर जीत हासिल की। महाविकास अघाड़ी 2019 के मुकाबले आधी सीटों पर सिमट गई है। गठबंधन में कांग्रेस ने 15, शिवसेना (यूबीटी) ने 20, एनसीपी (शरद पंवार) ने 10 और अन्य ने चार सीटों पर जीत हासिल की। अन्य को 2019 के मुकाबले 22 सीटों का भारी नुकसान झेलना पड़ा है। वह 27 के मुकाबले महज पांच सीटों पर सिमट कर रह गए हैं। महाराष्ट्र में भाजपा को 28 सीटों का फायदा हुआ जबकि कांग्रेस को सबसे ज्यादा 29 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा है। एनसीपी (अजीत पंवार) भी 13 सीटों के नुकसान में रही है।
झारखंड में झामुमो (इंडी गठबंधन) ने किया सूपड़ा साफ
झारखंड में इंडी गठबंधन ने 2019 में 81 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार पार्टी ने पहले से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हुए आठ सीटें ज्यादा जीती हैं। झामुमो ने 34, कांग्रेस ने 16, राजद ने चार और भाकपा-माले ने दो सीटों पर जीत हासिल की। वहीं, एनडीए गठबंधन को 2019 के मुकाबले एक सीट का नुकसान झेलना पड़ा है। अकेले भाजपा को चार सीटों का नुकसान हुआ है। भाजपा ने कुल 21, आजसू, जदयू और लोजपा-आर ने एक-एक सीट जीती। एक सीट अन्य को मिली।
लोक सभा उपचुनाव में कांग्रेस-भाजपा को एक-एक सीट
दो राज्यों के विधानसभा चुनावों के साथ ही 14 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव भी संपन्न हुए। वायनाड से कांग्रेस प्रत्याशी प्रियंका गांधी चार लाख दस हजार से ज्यादा वोटों से जीतने में कामयाब रहीं। उन्होंने इस सीट पर राहुल गांधी से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। वह पहली बार निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचीं हैं। वहीं, महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट से भाजपा के संतुकराव ने कांग्रेस प्रत्याशी को शिकस्त देकर जीत हासिल की।
विधानसभा के उपचुनावों में मिले-जुले रहे परिणाम
उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद सीट पर भाजपा के संजीव शर्मा, मझवां में सुचिस्मिता मौर्या, खैर में सुरेंद्र दिलेर, फूलपुर में दीपक पटेल, कुंदरकी में रामवीर सिंह, कटेहरी में धर्मराद निषाद ने जीत हासिल की। मीरापुर में आरएलडी के मिथलेश पाल, करहल में सपा के तेजप्रताप यादव और सीसामऊ में नसीम सोलंकी ने जीत हासिल की। राजस्थान की सात सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने पांच और कांग्रेस व भारत आदिवासी पार्टी को एक-एक सीट पर जीत मिली। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का जादू जमकर चला और उनकी पार्टी टीएमसी ने सभी छह सीटों पर जीत हासिल की। असम की पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में चार पर एनडीए ने चार और एक पर यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने जीत हासिल की। बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने दो, जनता दल यूनाइटेड व हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को एक-एक सीट मिली। पंजाब में हुए चार सीटों पर आम आदमी पार्टी ने तीन और कांग्रेस ने एक सीट जीती। कर्नाटक में कांग्रेस ने क्लीन स्वीप करते हुए तीनों सीटों पर जीत हासिल की। केरल की दो सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की। मध्य प्रदेश की दो सीटों पर हुए चुनाव में भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीट मिली। सिक्किम की दोनों सीटों पर क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी प्रत्याशियों ने निर्विरोध जीत हासिल की। गुजरात, छत्तीसगढ़ व उत्तराखंड की एकमात्र सीट पर भाजपा, मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी ने जीत हासिल की।