देहरादून। प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ में गौ माता-राष्ट्र माता का संकल्प लिया जाएगा। इसमें देशभर की सभी नस्लों की गायों को शामिल कर उनका पूजन किया जाएगा। इसके लिए सोमवार को देहरादून से देवभूमि उत्तराखंड की प्रसिद्ध बद्री गाय को महाकुंभ के लिए रवाना किया गया। वहां, ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद समेत सभी शंकराचार्य गायों का पूजन करेंगे।
सोमवार को रिस्पना पुल स्थित विष्णु गोपाल गौधाम से गाय को प्रयागराज महाकुंभ के लिए रवाना किया गया। रविवार को यह गाय टिहरी के उनियाल गांव स्थित अनुसूया प्रसाद उनियाल की गौशाला से दून लाई गई थी। सोमवार को गौ क्रांति मंच से जुड़े समाजसेवी बलवीर सिंह पंवार के संयोजन में आयोजित कार्यक्रम में गाय को विदा किया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे गौभक्तों ने पहले गौमाता का पूजन किया। बलवीर सिंह पंवार ने बताया कि बद्री गाय हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाले एक विशिष्ट नस्ल है, जिसके दूध में ए-2 प्रोटीन समेत अन्य पोषक तत्वों की मात्रा सामान्य गाय की तुलना में ज्यादा होती है। बद्री गाय का दूध और घी बेहद गुणकारी और औषधीय गुण युक्त होता है।
टिहरी लोकसभा के गौ सांसद अनुसूया प्रसाद उनियाल ने बताया कि बद्री गाय एक बेहद कम लागत में पलने वाली गौवंशीय प्रजाति है। यह ज्यादातर हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली जड़ी-बूटियों को चरती है, इसलिए इसके दूध में भी औषधीय गुण पाए जाते हैं। इस दौरान आवाज सुनो पहाड़ों की के संयोजक नरेन्द्र रौथाण, शूरवीर सिंह मठूडा, आनंद सिंह रावत, यशपाल उनियाल, ओमप्रकाश उनियाल, कुंदन उनियाल, पूजा चौहान, महिमा उनियाल, अर्चना बिजलवाण समेत अन्य गौभक्त मौजूद रहे।