Category: ब्लॉग

गैस चैंबर बनने के कगार पर देश के कई प्रमुख शहर, सुधार की कोशिशों के बीच “बिगड़ी हवा”

मौसम बदलने के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति लगभग रोज बदतर होती जा रही है। गौरतलब यह है कि इस बार मुंबई में भी हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है, जबकि वहां ऐसा आम तौर पर नहीं होता। दिल्ली इस वर्ष कुछ-कुछ दिन के अंतर पर बारिश होने के कारण हवा की […]

यही पाकिस्तानी लोकतंत्र है

मुमकिन है कि अगले आम चुनाव के बाद नवाज शरीफ को फिर से प्रधानमंत्री बना दिया जाए। आरोप है कि शरीफ की सेना के साथ डील हो गई है। इसके तहत सत्ता में उनकी वापसी की योजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। नवाज शरीफ को जब भ्रष्टाचार के मामलों में सजा सुना कर […]

सबसे बिगाड़ की नीति

भारत सरकार की अगर यह गणना है कि अपनी चीन संबंधी चिंताओं के कारण पश्चिम हर हाल में भारत पर अपना दांव लगाए रखेगा, तो कहा जा सकता है कि इस सोच का ठोस आधार नहीं है। इसलिए मौजूदा नीति पर पुनर्विचार जरूरी हो गया है। देर-सबेर भारतवासियों को नरेंद्र मोदी सरकार के कनाडा के […]

कोरोना प्रबंधन के बारे में क्या पढ़ाया जाएगा?

एक बहुत दिलचस्प खबर आई है कि अब स्कूलों में बच्चों को चंद्रयान-तीन की सफल लैंडिंग, जी-20 शिखर सम्मेलन के आयोजन और कोरोना प्रबंधन के बारे में पढ़ाया जाएगा। इन तीनों को सिलेबस में शामिल करने का फैसला इसलिए किया गया है ताकि बच्चों को आधुनिक समय के घटनाक्रम के बारे में जानकारी रहे। निश्चित […]

कांग्रेस राष्ट्रीय गठबंधन नहीं करेगी, राज्यों के स्तर पर ही रहेगा पार्टी का गठबंधन

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करे। उन्होंने मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अब चाहते हैं कि वो सीटें कांग्रेस छोड़ दे। हालांकि कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हो रही है। कांग्रेस का […]

महिला रोजगार का ये हाल, भारतीय श्रम बाजार में हिस्सेदारी सिर्फ 15.9 फीसदी

भारत के श्रम बाजार में अब सिर्फ 15.9 महिलाएं मौजूद हैं। ताजा आंकड़ा 2022-23 का है। चार साल पहले यानी 2018-19 में भारत में श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी 21.9 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा चौंकाने वाला- और संभवत: आहत करने वाला भी है कि नियमित वेतन वाली नौकरियों के दायरे में भारत के श्रम […]

जब उत्तरदायित्वों का ही पालन नहीं हो रहा, तो विधानसभा का औचित्य क्या है?

संसदीय लोकतंत्र में विधायिका सत्ता की जवाबदेही और उसके कामकाज में पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है। लेकिन अगर विधायिका यह कार्य ना करे, या उसे ऐसा ना करने दिया जाए, तो क्या इस अपेक्षा पर कुठाराघात नहीं होगा? लोकतंत्र के खिलाफ एक तर्क यह है कि इस सिस्टम को चलाना बहुत महंगा पड़ता है। लेकिन […]

लोकसभा के चुनावी मुद्दों की परीक्षा

अजीत द्विवेदी पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव किसी भी राज्य के सामान्य चुनाव की तरह नहीं है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हो रहे इन चुनावों में ऐसे मुद्दों या ऐसे एजेंडों की परीक्षा होनी है, जिन पर लोकसभा का चुनाव लड़ा जाएगा। भाजपा अब तक जिन मुद्दों पर चुनाव लड़ती रही है उनमें वह […]

परिवारवाद जारी, कांग्रेस में बेटों, भतीजों को टिकट

कांग्रेस पार्टी के ऊपर भले परिवारवाद के आरोप लगें लेकिन वह नेताओं के बेटे, भतीजों, भाइयों आदि को टिकट देने में नहीं हिचकती है। हर चुनाव में कांग्रेस के कुछ पुराने नेता अपनी सीट छोड़ रहे हैं और अपने बच्चों को आगे कर रहे हैं। कुछ नेता तो खुद भी चुनाव लड़ रहे हैं और […]

इजराइल के विवेक की परीक्षा

श्रुति व्यास क्या गाजा में रह रहे फिलिस्तीनियों को वहां की जमीन खाली करने लिए 24 घंटे की जो डेडलाईन दी गई थी वह समाप्त हो गई है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दक्षिण इजराइल में बड़ी संख्या में मौजूद सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा है कि ‘‘अगला चरण शुरू होने वाला है”। इससे पहले […]

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