देहरादून। प्रदेश के लोगों और देश-विदेश से आने वाले लोगों को अब लजीज पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। राजधानी देहरादून में राजपुर रोड पर गांधी पार्क के ठीक सामने देशी चूल्हा पहाड़ी कैफे और रेस्त्रां का शुभारंभ हो गया है। यहां सभी तरह के पहाड़ी व्यंजन, पकवान पारंपरिक स्वाद और पौष्टिकता के साथ उपलब्ध रहेंगे।
रेस्त्रां के संचालक सुरेंद्र अंथवाल ने बताया कि देशी चूल्हा पहाड़ी सात्विक कैफे की शुरूआत 2016 में राजपुर रोड पैसिफिक हिल्स से की गई थी। यह रेस्त्रां हमेशा से पहाड़ी मोटे अनाजों (मिलेट्स) और उससे बने स्वादिष्ट पकवानों के लिए प्रसिद्ध रहा है। अब यह नए रंग, रूप और कलेवर के साथ राजपुर रोड पर गांधी पार्क के सामने ग्राहकों की सेवा के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि कैफे में कोदे की रोटी, झंगोरे की खीर, लाल चावल का भात व खीर, कंडाली, राई व पालक की कफली, भड्डू की दाल, भट की चुटक्वाणी, भांग की चटनी, उदड़ का चैंसू, चने व गहत का फाणू, पहाड़ी पंचमेल दाल समेत कई अन्य स्वादिष्ट व्यंजन परोसे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार और उत्तराखंड की धामी सरकार स्थानीय उत्पादों व खाद्य पदार्थों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है। यह इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स है, जिसमें दुनियाभर में मोटे अनाजों के उत्पादन और प्रयोग को बढ़ावा देने का कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में देहरादून में पांच और चारधाम व यात्रा मार्ग पर 10 ब्रांच खोलने की योजना है। इससे जहां स्थानीय पकवानों व उत्पादों का प्रचार-प्रसार होगा, वहीं लोगों को स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजनों का स्वाद भी मिलेगा।
20 फीसदी तक डिस्काउंट भी देंगे
सुरेंद्र अंथवाल ने बताया कि कैफे के माध्यम से अगले दो वर्षों में 250 से ज्यादा लोगों को रोजगार देने की योजना है। उन्होंने बताया कि कैफे में राष्ट्रसेवा में समर्पित डिफेंस फोर्सेस के अधिकारियों व जवानों, पत्रकारों और राज्य आंदोलनकारियों को 20 फीसदी तक का डिस्काउंट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह छूट तीनों वर्गों के योगदान को देखते हुए उनके सम्मान स्वरूप प्रदान की जा रही है।