देहरादून। अब किसी कर्मचारी की मौत के बाद अगर उसके पीएफ भुगतान के लिए कोई दावा नहीं करता है, तब भी परिवार को उसका लाभ मिलेगा। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, देहरादून ने नई पहल की है। इसके तहत कर्मचारी की मौत के बाद क्लेम न करने वाले परिवारों से खुद संपर्क किया जा रहा है। उनकी मदद के लिए संगठन के जीएमएस रोड स्थित कार्यालय में वन प्वाइंट सेंटर भी स्थापित किया गया है, जिससे उनके भुगतान में किसी तरह की परेशानी न हो।
बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कई बार कर्मचारी की मौत के बाद उसके परिवार के लोग पीएफ के लिए क्लेम नहीं करते हैं। कुछ परिजनों को पता नहीं होता कि पीएफ जमा हो रहा था। वहीं, कई लोग इसकी प्रक्रिया से अनभिज्ञ होते हैं। ऐसे में उनकी मौत के बाद पीएफ अनक्लेम्ड रह जाता है। ऐसे मामलों में अब मृतक कर्मचारी के परिवार को उसका लाभ देने के लिए पीआरओ के अधीन एक सेल बनाया गया है। यह सेल सभी कंपनियों व एजेंसियों से प्राप्त मृतक कर्मचारियों के रिकॉर्ड और पीएफ भुगताने के दावों के डाटा का मिलान करेगी। अगर ऐसा कोई मामला मिला, जिसमें कर्मचारी की मौत के बाद उसके पीएफ, इंश्योरेंस या पेंशन के लिए दावा नहीं किया गया हो, तो संबंधित कंपनी से संपर्क कर उसके परिवार को इसके संबंध में जानकारी देने के लिए कहा जाएगा। विश्वजीत सागर ने बताया कि वन प्वाइंट सेंटर ऐसे मामलों में संबंधित परिवार और परिजनों को हर तरह की मदद मुहैया कराएगा। उन्होंने बताया कि अभी ऐसे करीब 125 मामलों में कार्यवाही की जा रही है।
इंडस्ट्रीयल एक्सीडेंट के मामलों में भी मिलेगा पीएफ का लाभ
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि इंडस्ट्रीयल एक्सीडेंट के मामलों में मृतक को अनिवार्य तौर पर पीएफ, इंश्योरेंस व पेंशन का लाभ देने की व्यवस्था की जा रही है। इसमें वह सभी कर्मचारी शामिल होंगे, जो पीएफ के लिए पात्र हैं लेकिन पंजीकृत नहीं हैं। उन्होंने बताया कि ईंट भट्टे में काम करने के दौरान, बिजली लाइनों की मरम्मत के दौरान, मकान बनाने के दौरान या अन्य किसी भी तरह की दुर्घटना के मृतकों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर पात्र होने के बावजूद किसी कंपनी, प्रतिष्ठान या एजेंसी ने कर्मचारी को पीएफ का लाभ नहीं दिया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।