देहरादून। हाल ही में खुले मॉल ऑफ देहरादून समेत राजधानी और आसपास के इलाकों के सभी मॉल, होटल्स और रिजॉर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के राडार पर है। संगठन को इन ज्यादातर जगहों पर कर्मचारियों को पीएफ व ईएसआई का लाभ न दिए जाने का अंदेशा है। ऐसे भी प्रतिष्ठानों का सर्वे करने के लिए संगठन ने दो टीमों का गठन किया है। पहले यहां नियोक्ताओं और कर्मचारियों को जागरूक किया जाएगा। उसके बाद भी कर्मचारियों को पीएफ का लाभ न देने वालों के खिलाफ कार्रवाई का जाएगी।
बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त विश्वजीत सागर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा के लिए उन्हें पीएफ व ईएसआई का लाभ देना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रतिष्ठान, कंपनी, एजेंसी, जहां भी 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, वहां नियोक्ता को यह लाभ देना ही चाहिए। उन्होंने बताया कि कई बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान अपने कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दे रहे हैं। इसलिए दो टीमों का गठन कर उन्हें सर्वे कार्य में लगाया जा रहा है।
दैनिक मजदूरों को भी देना होगा लाभ
उन्होंने बताया कि टेंट हाउस, बैंड पार्टी, कैटरिंग जैसे काम करने वाले दैनिक मजदूरों को भी पीएफ का लाभ दिया जाना अनिवार्य है। वह जितना काम करेंगे और जितना मानदेय पाएंगे, उसी अनुसार पीएफ की कटौती होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। इसको लेकर उन्होंने राज्य सरकार को पत्र लिखा था, जिसके बाद इस पर निर्णय लेने के लिए हाईपावर कमेटी का गठन किया गया है।
पहले गलत फायदा लिया, अब होगी रिकवरी
विश्वजीत सागर ने बताया कि कोरोना के समय केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की शुरूआत की। इसके तहत नए कर्मचारियों के वेतन से कटने वाले पीएफ के अंशदान को सरकार ने जमा कराया। साथ ही ऐसी कंपनियां, जो पीएफ का भुगतान करने में असमर्थ थी, उनके दो वर्ष का भुगतान भी सरकार ने किया। लेकिन इसमें कई ऐसी कंपनियां भी हैं, जिन्होंने गलत जानकारी देकर पैसा लिया। अब उन सभी की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि फर्जी कर्मचारियों की भर्ती दिखाकर पैसा लेने वाली एक फर्म के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। अन्य मामलों की जांच की जा रही है। गड़बड़ी पाए जाने पर अन्य के खिलाफ भी एफआईआर कराई जाएगी।