देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली किसी से छुपी नहीं है। कई विभाग ऐसे हैं, जो कागजों में काम निपटा कर करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश की एक प्रमुख सड़क का कई किलोमीटर हिस्से का 10 से 15 मीटर चोरी या फिर गायब हो गया है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि अधिकारियों के अनुसार विभागीय कागजों में यह सड़क 23 से 25 मीटर चौड़ी है, जबकि मौके पर इसकी चौड़ाई आठ-दस मीटर से ज्यादा नहीं है।
प्रेमनगर निवासी राजकुमार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (National Highway Authority of India) से सूचना (Right to Information) मांगी, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। उन्होंने प्राधिकरण से पूछा कि देहरादून की प्रमुख सड़क चकराता रोड का बल्लूपुर से प्रेमनगर तक वाला हिस्सा कितना चौड़ा है। साथ ही, सौंदर्यीकरण के बाद इस सड़क को कितना चौड़ा करने का प्रस्ताव है। प्राधिकरण ने इसके जवाब में बताया कि वर्तमान में इस सड़क की चौड़ाई 23 से 25 मीटर है। उन्होंने यह भी बताया कि सौंदर्यीकरण के बाद भी इस सड़क की चौड़ाई 23 से 25 मीटर ही रहेगी।
धरातल पर देखें तो बल्लूपुर से प्रेमनगर तक ज्यादातर क्षेत्रों में सड़क की चौड़ाई अधिकतम आठ से 10 मीटर ही है। प्राधिकरण के इस जवाब को लेकर लोग भी कई तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं। सूचना मांगने वाले राजकुमार ने कहा कि अधिकारी उन्हें गलत और भ्रामक सूचना देकर बरगलाने का प्रयास कर रहे हैं। कोई भी व्यक्ति देखकर ही बता सकता है कि यह सड़क कितनी चौड़ी है। अधिकारी आंख बंदकर गलत सूचनाएं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में अपील करेंगे।