उत्तराखंड में भाजपा ने तीन पुराने चेहरों पर ही जताया भरोसा, हरिद्वार और पौड़ी में प्रत्याशी तय नहीं

उत्तराखंड में भाजपा ने तीन पुराने चेहरों पर ही जताया भरोसा, हरिद्वार और पौड़ी में प्रत्याशी तय नहीं

देहरादून। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर अपने पुराने चेहरों पर ही भरोसा जताया है। शनिवार को जारी पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची में उत्तराखंड के तीन प्रत्याशियों के भी नाम शामिल हैं। हालांकि नैनीताल और पौड़ी लोक सभा सीट पर अभी तक प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए गए हैं। माना जा रहा है कि यहां मौजूदा सांसदों के बजाय किसी अन्य को प्रत्याशी बनाया जा सकता है।

पार्टी ने टिहरी लोकसभा सीट पर फिर माला राज्यलक्ष्मी शाह पर भरोसा जताया है। वह लगातार चौथी बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचने का प्रयास करेंगी। 2012 में हुए उपचुनाव और 2014 व 2019 के लोक सभा चुनाव में वह टिहरी सीट से बड़ी जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचीं थीं। माना जा रहा है कि पार्टी ने टिहरी सीट पर राजपरिवार की प्रतिष्ठा को देखते हुए उन्हें फिर मौका दिया है। इससे पहले उनके टिकट को लेकर काफी सस्पेंस बना हुआ था। उनकी बेहद कम सक्रियता को देखते हुए माना जा रहा था कि पार्टी किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है।

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट पर भी पार्टी ने मौजूदा सांसद अजय टम्टा पर ही भरोसा जताया है। जिला पंचायत सदस्य के तौर पर अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले अजय टम्टा जिला पंचायत अध्यक्ष और दो बार विधायक रहने के बाद 2014 में पहली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे थे। 2016 में उन्हें केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री बनाया गया था। 2019 में लगातार दूसरा चुनाव जीतकर वह लोकसभा पहुंचे। इस बार भाजपा ने उन्हें फिर मैदान में उतारकर जीत की हैट्रिक बनाने का मौका दिया है।

नैनीताल-उधमसिंह नगर लोक सभा सीट पर पार्टी ने लगातार दूसरी बार अजय भट्ट को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। पहली बार सांसद बने भट्ट को मौजूदा सरकार में रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। 1996 और 2002 में रानीखेत से विधायक रहे अजय भट्ट 2015 में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे। 2019 में उन्हें पहली बार लोक सभा का टिकट दिया गया। कुमाऊं के प्रमुख ब्राह्मण नेताओं में शामिल अजय भट्ट एक समय मुख्यमंत्री की दौड़ में भी शामिल रहे हैं।

अब हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल सीट पर सभी की नजर लगी हुई है। दोनों ही सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों के भाग्य का फैसला होना है। हरिद्वार के मौजूदा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक की राह इस बार काफी मुश्किल नजर आ रही है। निशंक दो बार हरिद्वार से सांसद रह चुके हैं। हरिद्वार से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पूर्व मंत्री मदन कौशिक समेत कुछ अन्य नेताओं के नाम चर्चा में हैं।

पौड़ी गढ़वाल सीट पर भी पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को लेकर असमंजस बना हुआ है। तीन महीने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे तीरथ सिंह रावत अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे। जिस तरह पहली सूची में भाजपा ने विवादित बयान देने वाले नेताओं को दरकिनार किया है, उससे तीरथ सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। दूसरी ओर, राज्यसभा सांसद रहे अनिल बलूनी को पार्टी ने इस बार राज्यसभा नहीं भेजा। अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी पौड़ी सीट से उन्हें उतार सकती है। माना जा रहा है कि भाजपा की अगली सूची में हरिद्वार और पौड़ी गढ़वाल दोनों ही सीटों पर प्रत्याशियों के नाम घोषित किए जा सकते हैं।

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