देहरादून। शारदा स्वर संगम के तत्वावधान में कारगी चौक स्थित जेपी प्लाजा में आवाज सुनो पहाड़ों की सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लोकभाषा के कई प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी गीत-गजलों की प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया। साथ ही, समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली पांच वरिष्ठ नागरिक दंपतियों को श्रेष्ठ पथ प्रदर्शन सम्मान से सम्मानित भी किया गया।
सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डा. नितिन उपाध्याय, उप मुख्य नगर आयुक्त गोपाल राम बिनवाल, कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र रौथाण, समाजसेवी अनुसूया प्रसाद उनियाल, सुरेश भट्ट, बालक राम और वरिष्ठ कलाकार वीरेंद्र नेगी ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। वीरेंद्र नेगी ने मां शारदा की आरती के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन गीतों और गजलों की प्रस्तुतियां देकर जमकर वाहवाही लूटी। प्रसिद्ध लोकगायक अमित सागर ने ढ़लकी आंख्यूं मां व अपणी पीड़ा कैमा नी बतौण दगड्या, नरेंद्र शहनाई ने तेरी तस्वीर को सीने से लगा रखा है व तेरे हिजाब ने मुझे शायर बना दिया और अंजली खरे ने फुलारी, शकुना दे व लग जा गले गीतों की प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। अंत में, सौरभ मैठाणी ने अपने वायरल गीत मैं पहाड़ुं कु रैबासी गीत सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक दंपति प्रसिद्ध रत्नशास्त्री पंडित विनोद पोखरियाल व मीनाक्षी पोखरियाल, बलवीर सिंह पंवार व ऊषा पंवार, गिरीश चंद्र इष्टवाल व शकुंतला इष्टवाल, कुशाल सिंह बिष्ट व सिंदूरी देवी और सोमवारी लाल उनियाल व सोमवती उनियाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम संयोजक नरेंद्र रौथाण ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति के व्यापक प्रचार-प्रसार और संरक्षण व संवर्धन के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति के लिए कार्य करने वाले सभी कलाकारों को सरकार की ओर से संरक्षण व प्रोत्साहन मिलना चाहिए। आवाज सुनो पहाड़ों की कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेशभर की युवा प्रतिभाओं को मंच देने का काम किया जा रहा है। साथ ही, जीवनभर समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने वाले वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान कर उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की गई है। यह नई पीढ़ी की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को उनके कार्यों के लिए एक छोटी सी भेंट हैं।
कार्यक्रम आयोजन में पूजा चौहान, आरती बड़ोला, विनीता द्विवेदी, रवि चौहान, लच्छू गुप्ता, अर्जुन पटवाल, सतीश घिल्डियाल, यशपाल उनियाल, डा. रामभूषण बिजल्वाण, नीरज उनियाल, महिमा उनियाल समेत अन्य लोगों ने सहयोग दिया।