“जश्न-ए-विरासत” में दिखे नाटकों के कई रंग, नुक्कड़ ने नशामुक्ति का संदेश दिया, खालिद की खाला ने गुदगुदाया

“जश्न-ए-विरासत” में दिखे नाटकों के कई रंग, नुक्कड़ ने नशामुक्ति का संदेश दिया, खालिद की खाला ने गुदगुदाया

उत्तराखंड उदय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव “जश्न-ए-विरासत” के दूसरे दिन भी दो नाटकों का हुआ मंचन

वरदान संस्था और तस्वीर आर्ट ग्रुप के तत्वावधान में डीडीए और डीआईएस रिवरसाइड कैंपस में हुआ आयोजन

देहरादून। वरदान संस्था और तस्वीर आर्ट ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित किए जा रहे उत्तराखंड उदय राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन भी दो नाटकों का मंचन किया गया। पहले दून डिफेंस एकेडमी में उत्तर प्रदेश के रंगमंच के साथी ग्रुप के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक से नशामुक्ति का संदेश दिया। उसके बाद दून इंटरनेशनल स्कूल रिवरसाइड कैंपस में नई दिल्ली के थिएटर लीला ग्रुप के कलाकारों ने खालिद की खाला नाटक की प्रस्तुति देकर दर्शकों को पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर दिया।

सहस्त्रधारा रोड स्थित दून डिफेंस एकेडमी में मुख्य अतिथि अपर आयुक्त, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन व ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी, एकेडमी के निदेशक संदीप गुप्ता, वरदान संस्था के संरक्षक डा. सुनील अग्रवाल और महासचिव अनिल चन्दोला ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद रंगमंच के साथी थिएटर ग्रुप, उत्तर प्रदेश के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश दिया। साथ ही छात्र-छात्राओं को इसकी शपथ भी दिलाई। मुख्य अतिथि ताजबर सिंह ने कहा कि डिफेंस की कोचिंग कर रहे छात्र-छात्राओं के अंदर यूनिफॉर्म पहनने का जुनून होना चाहिए। अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए नशे जैसी बुराई से बहुत दूर रहना आवश्यक है। संदीप गुप्ता ने कहा कि कलाकार युवाओं को मनोरंजनात्मक अंदाज में नशे के दुष्प्रभाव बताते हुए उससे दूर रहने की अपील कर रहे हैं, जिसको सभी को अपनाना चाहिए। इस दौरान उमेश कुनियाल समेत एकेडमी के सभी शिक्षक और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

दोपहर में थिएटर लीला ग्रुप, नई दिल्ली के कलाकारों ने पौंधा स्थित दून इंटरनेशनल स्कूल, रिवरसाइड कैंपस में खालिद की खाला नाटक का मंचन किया। हास्य से भरपूर नाटक में कलाकारों ने अपने संवाद और अभिनय के जरिये दर्शकों का दिल जीत लिया। उनकी कॉमिक टाइमिंग और चुटीले संवादों पर दर्शक पेट पकड़कर हंसने को मजबूर हो गए। खालिद की खाला, जिसे उसने कभी नहीं देखा वह इंडोनेशिया से भारत आ रही हैं। खालिद और उसका दोस्त अहमद खाला से मिलने के बहाने अपनी प्रेमिकाओं को बुलाते हैं। लेकिन तभी खाला का संदेश आता है कि वो अब नहीं आ रही हैं। ऐसे में खालिद और अहमद अपने दोस्त बाबा खान को महिला बनकर खाला की एक्टिंग करने के लिए मना लेते हैं। बाबा खान खालिद की खाला बनने को तैयार हो जाता है। कहानी तब रोचक हो जाती है, जब दोनों दोस्तों की प्रेमिकाओं के पिता और अहमद के पिता को खाला से इश्क हो जाता है। अब खालिद, अहमद और बाबा खान कैसे इस झूठ पर पर्दा डालते हैं और कैसे इससे बचते हैं, यही कहानी दर्शकों को गुदगुदाने पर मजबूर कर देती है। इस दौरान डा. राकेश भट्ट, विवेक कौशिक, संजय मेवाड़, अमन अग्रवाल, रजत ऐहरावत, पंकज बलूनी व स्कूल के सभी शिक्षक व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

 

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