उत्तरकाशी। विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही इस वर्ष चारधाम यात्रा सकुशल संपन्न हो गई है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष यात्रा की अवधि करीब 30 दिन कम रही। उसके बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में करीब डेढ़ लाख की बढ़ोत्तरी हुई है।
वर्ष 2023 में 22 अप्रैल को कपाटोद्घाटन के बाद गंगोत्री धाम के कपाट 14 नवंबर 2023 को और यमुनोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर 2023 को बंद हुए थे। इस प्रकार गत वर्ष गंगोत्री में कुल 207 दिन और यमुनोत्री में 208 दिन की यात्रा अवधि रही। इस साल गत 10 मई 2024 को कपाट खुलने के बाद 177 दिनों के अवधि के बाद गंगोत्री के कपाट गत दिन बंद हुए हैं और आज 178 दिनों के बाद यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। इस प्रकार पिछले साल यात्रा की अवधि इस बार से तीस दिन अधिक थी।
इस वर्ष इन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में कुल 1530028 तीर्थयात्री पहुंचे। दोनों धामों में यात्रियों का रोजाना औसतन 8620 यात्री पहुंचे। जबकि गत वर्ष 30 दिन अधिक अवधि के यात्राकाल में इन दोनों धामों में कुल 1640701 श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था और प्रतिदिन औसतन 7907 तीर्थयात्रियों की आमद हुई थी। इस प्रकार इस साल जिले में प्रतिदिन औसतन 713 यात्री अधिक आए हैं।
इस वर्ष की कपाटोद्घाटन की तिथि 10 मई से लेकर कपाटबंदी की तिथि 2/3 नवंबर तक पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 149914 यात्री अधिक पहॅुंचे हैं। पिछले साल 10 मई से लेकर 2/3 नवंबर तक दोनों धाम में कुल 1380114 यात्री आए थे। गंगोत्री धाम में इस बार 815273 तथा यमुनोत्री धाम में 714755 श्रद्धालुओं का पदार्पण हुआ है, जबकि पिछले साल इसी दौरान गंगोत्री में 764394 और यमुनोत्री में 615720 तीर्थयात्री आए थे। इस प्रकार तीर्थयात्रियों की आमद में पिछले साल की तुलना में समान अवधि में गंगोत्री में इस बार 100518 तथा यमुनोत्री में 99035 की वृद्धि हुई है।
चारधाम यात्रा के सुचारू, सुरक्षित और सुव्यवस्थित संचालन के फलस्वरूप इस बार जिले में अवस्थित दोनों धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। शुरूआती दौर में भारी भीड़ उमड़ आने के कारण सामने आई चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करते हुए प्रशासन के द्वारा यात्रा का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित किया गया। जिसके चलते इस बार अधिक यात्रियों की आमद के साथ यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। मानसून काल में सड़कों को सुचारू बनाए रखने के लिए संवेदनशील जगहों पर बड़ी संख्या में मशीनों व अन्य संसाधनों की तैनाती करने के फलस्वरूप इस बार यात्रा बाधित नहीं हुई। प्रशासन के द्वारा यात्री सुविधाओं और सुरक्षा को प्रमुखता दिए जाने के कारण यात्रा मार्गों पर दुर्घटनाओं की घटनाएं भी इस बार काफी कम रही और कोई भी बड़ा हादसा नहीं हुआ।
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में चारधाम यात्रा को सकुशल व सफलतापूर्वक संपन्न कराने में विभिन्न विभागों व संगठनों के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ ही मंदिर समिति के पदाधिकारियों, तीर्थ पुरोहितों, स्थानीय नागरिकों, यात्रा व्यवसायों से जुड़े लोगों, घोड़ा-खच्चर व डंडी-कंडी संचालकों, होटल-होम स्टे-रेस्टोंरेट संचालकों, आश्रमों व भंडारों के व्यवस्थापकों, परिवहन सेवा प्रदाताओं, सुरक्षा व्यवस्था व स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्मिकों, मीडिया कर्मियों सहित तमाम लोगों द्वारा प्रदान किए गए सहयोग हेतु आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि आगामी चारधाम यात्रा को और अधिक सुगम, सुरक्षित व सुव्यवस्थित ढंग से संपादित करने के लिए यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी लोगों को प्रतिबद्धता से प्रयासरत रहना होगा और अगली यात्रा की तैयारियों में अभी से जुटना होगा।